सहयोगक प्रस्ताव
दू
बेरोजगार मित्र परस्पर आर्थिक सहयोगक योजना बनौलनि । पहिल मित्र एकरा कार्यान्वित
करबाक उद्देश्य सँ दोसर मित्र सँ कहलनि - जे की हर्ज जे एकर शुभारम्भ एखनहि क देल
जाए ।
दोसर
मित्र कहलनि- शुभश्य शीघ्रम.. हमरा बड्ड बेगरता अछि हौ, तोँ तत्काल एक सै टाका दए एहि योजनाक शुभारम्भ करह ।
ई सुनि
पहिल मित्र बाजल - ..यैह प्रस्ताव त हमहु तोरा लग राखय बला छलियह..!!
[मलाढ़ : 15.01.1995]
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