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Wednesday, January 21, 2015

अजीता बेटी बड़ बुधियारि


अजीता बेटी बड़ बुधियारि, अजीता बेटी बड़ बुधियारि
मधुर मधुर जे बात बजय अछि,दिये ने ककरो गारि
अजीता बेटी बड़ बुधियारि ।

कौखन पढ़य किताब, खेलावय कौखन अटकन-मटकन
माए बाप केर टहल टिकोरा मे जे रहय सदतिखन
क्षण मे महल बनावय माटिक, क्षण मे दिये उजारि
अजीता बेटी बड़ बुधियारि ।

करय निहोरा रानी बहिनक, सुनवय कथा पिहानी
बात-बात मे टोक लगावय, चाहय सब किछु जानी
सौ मे सुन्नरि जे गुलाब सन लागय अछि सुकुमारि
अजीता बेटी बड़ बुधियारि ।

कौखन रुसि रहय पुनि कौखन, गीत मगन भ गावय
बात बात मे तरुण पिता केर सदिखन हृदय जुड़ावय
फूल बहीन, बबुआ भैया संग माइक परम दुलारि
अजीता बेटी बड़ बुधियारि ।

[मलाढ़ : 05.01.1986 / हाल-चाल (पटना) क दिसम्बर 1986 अंक मे प्रकाशित ।]

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