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Saturday, September 27, 2014

हे माए उग्रतारा (भगवती वंदना-3)

माँ उग्रताराक मूर्ति, महिषी,सहरसा
साभार- 
टॉपिक्स डॉट कॉम
हे माए उग्रतारा ! सब अछि अहीं केँ भारा
अछि भंवर बीच नैया, मैया करू किनारा ।

गेलहुँ जतय कतहु हम सगरो सँ हारि एलहुँ
जिनगी अपन ई मैया व्यर्थे जेना गमेलहुँ ।
हम छटपटा रहल छी माँ दी अपन सहारा
हे माए उग्रतारा! सब अछि अहीं केँ भारा ।

माँ कृपादृष्टि राखी अछि प्रार्थना हमर ई
कय दी सुलभ हमर माँ जिनगीक कठिन डगर ई ।
हम डगमगा रहल छी, माँ दी अपन सहारा
हे माए उग्रतारा! सब अछि अहीं केँ भारा ।

आनक भरोस मन मे बाँचल ने शेष हमरा
पुनि छोड़ि माँ अहाँ केँ कहबै कहू त ककरा ।
दुख मे तरूण ने ककरो क्यो बंधु पुत्र दारा
हे माए उग्रतारा! सब अछि अहीं केँ भारा ।
अछि भंवर बीच नैया, मैया करू किनारा ।। 
           

बेलदारा : 05.05.1995

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